मान के आवास के सामने नौकरी मांग रहे युवकों ने किया आत्महत्या का प्रयास
मान के आवास के सामने नौकरी मांग रहे युवकों ने किया आत्महत्या का प्रयास
– एक युवक ने पिया जहर, दूसरे काे फंदा लगाने से बचाया
शिक्षा फोकस, संगरूर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के समक्ष पिछले ढाई महीने से मोर्चे पर बैठे पंजाब पुलिस भर्ती 2016 में वेटिंग व 2017 वेरिफिकेशन उम्मीदवारों में से एक युवक ने मध्य रात्रि काे स्प्रे पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। वीरवार से 3 व शुक्रवार को 8 उम्मीदवार अपने साथ सप्रे की बोतल लेकर मरण व्रत पर बैठे हैं। उन्होंने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि अगर शनिवार तक उन्हें नियुक्ति पत्र में दिए गए तो वह आत्महत्या कर लेंगे।
2016-17 में हुई थी भर्ती
पंजाब पुलिस में 2006-17 में भर्ती हुई थी। इस दौरान युवकों के सभी टेस्ट के बाद वैरिफिकेशन भी हो चुकी है। अकाली सरकार के वक्त भर्ती के बाद अगले 5 साल कांग्रेस सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की। युवक इसी की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। मान के निवास के बाहर अब 11 युवक मरणव्रत पर बैठे हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्द नियुक्ति पत्र नहीं दिए तो सब सुसाइड कर लेंगे।
10 मई से मान के घर के बाहर धरना दे रहे भर्ती उम्मीदवार
इसी के बीच शुक्रवार रात को युवक गुरजीत सिंह ने जहर पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया जिससे तुरंत सिविल अस्पताल संगरूर लाया गया। डाक्टर ने उसका इलाज आरंभ किया लेकिन युवक ने इलाज दौरान डक्टर का विरोध किया। धरनास्थल पर ही है एक अन्य युवक ने परने से फंदा लगाने की कोशिश भी की जिसे बाकी सदस्यों ने बचाया। गौरतलब है कि 10 मई से पंजाब पुलिस भर्ती 2016 तथा 2017 वेरिफिकेशन उम्मीदवार मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के समक्ष पक्के धरने पर बैठे हैं।
लाेकसभा उपचुनाव से पहले भगवंत मान ने दिया था भराेसा
लोकसभा उपचुनाव से कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि जुलाई के पहले सप्ताह में उनके मामले पर विचार विमर्श किया जाएगा तथा जल्द से जल्द उन्हें नियुक्ति के लिए सरकार द्वारा विचार किया जाएगा। किंतु जुलाई का आधा महीना गुजरने के बावजूद अभी तक सरकार की ओर से उनकी नियुक्ति के लिए कोई फैसला नहीं लिया गया है जिस से आहत होकर 11 सदस्य मरण व्रत पर बैठे हैं वह आत्महत्या करने का ऐलान कर चुके हैं। गाैरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में राेजगार के मुद्दे पर आप ने सत्ताधारी दल काे घेरा था, लेकिन अब सरकार में आने पर बेराेजगाराें की काेई सुनवाई नहीं हाे रही।