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पीरियड्स में महिलाओं को मिलेगी लीव? सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा बयान

पीरियड्स में महिलाओं को मिलेगी लीव? सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा बयान

 

 

 

 

शिक्षा फोकस, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को माहवारी के दौरान अवकाश दिए जाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पीरियड्स लीव पॉलिसी मैटर है। इसलिए याचिकाकर्ता को सरकार के पास जाना होगा और अपनी मांग के साथ ज्ञापन देना होगा।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में यह जनहित याचिका दिल्ली के रहने वाले शैलेंद्र मणि त्रिपाठी की ओर से दायर की गई थी। याचिका में मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा 14 के अनुपालन के लिए केंद्र और सभी राज्यों को निर्देश देने की भी मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विशाल तिवारी ने पिछले हफ्ते याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि यूनाइटेड किंगडम, चीन, वेल्स, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जाम्बिया जैसे देशों में पहले से ही किसी न किसी रूप में पीरियड्स लीव दिया जा रहा है।

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