वर्दी घोटालाः सस्ती वर्दी खरीदकर बिल दिखा रहे हैं पूरा
वर्दी घोटालाः सस्ती वर्दी खरीदकर बिल दिखा रहे हैं पूरा
– किसी तरह की लापरवाही व घोटाला बर्दाश्त नहीं होगा – शिक्षा मंत्री
शिक्षा फोकस, अमृतसर। पंजाब के सरकारी स्कूलों में बच्चों को तय मानक से घटिया वर्दी दिए जाने की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कई जिलों से बच्चों के मां-बाप से तो कई जिलों से टीचर्स द्वारा ही वर्दियों को लेकर शिकायतें की जा रही हैं। अब तक इस घोटाले में एक जिला शिक्षा अधिकारी सहित तीन बीपीईओ पर कार्रवाई हो चुकी है। विभाग का कहना है कि अभी इस मामले में जांच चल रही है कई अन्य अधिकारी ग्रिफ्त में आ सकते हैं।
कई जगहों पर बिल बढ़ा-चढ़ा कर दिखाए जा रहे हैं, तो कई स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या से कहीं अधिक वर्दी खरीदने का बिल दिखा दिया गया। वर्दी खरीद की जांच को लेकर शिक्षा विभाग ने पंजाब भर में खरीद बिल मंगवाएं हैं, जिनके आधार पर आगे की जांच होगी।
पंजाब सरकार ने 9 जनवरी 2023 को जारी किए गए पत्र में स्कूलों को अपने स्तर पर खर्च कर वर्दियां खरीदने के लिए कहा था। बता दें कि पंजाब के सरकारी प्राइमरी और प्री प्राइमरी में 3 लाख 51 हजार 724 बच्चों की वर्दी के लिए 21 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। प्रति बच्चा 600 रुपए अलॉट किए गए हैं।
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ऐसे हो रहा वर्दी खरीद में घपला
1- बच्चों के लिए वर्दी को स्कूल मैनेजमेंट कमेटी द्वारा खरीदा जाना था लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी या अन्य अधिकारी ही वर्दी खरीद कर स्कूलों में भेज रहे हैं।
2- वर्दी की कीमतों में प्रति स्टूडेंट 150 से 200 रुपए तक का मार्जिन है। जबकि बजट में प्रति बच्चा 600 रुपए अलॉट किए गए हैं।
3- कई मामलों में बीते साल की पुरानी वर्दी को ही स्कूलों को दे दिया गया है, क्योंकि वर्दी पिछले साल के अनुसार ही होनी चाहिए थी। पुरानी पड़ चुकी वर्दी का अंतर साफ नजर आता है।
2 केस से समझिए मामले की गंभीरता
केस-1 संगरूर में पुरानी वर्दी की खरीद, बिल भी बढ़ाकर दिखाया
संगरूर के ब्लॉक-1 प्राइमरी शिक्षा अधिकारी ने 1548 बच्चों की वर्दियों की खरीद की। अभिभावकों आरोप है कि हर वर्दी पर 150 रुपए का घपला किया गया है। वर्दी का रंग भी तय रंग से अलग है। मामले की जांच जिला स्तर पर शुरू हो चुकी है।
एलीमेंट्री टीचर यूनियन के सदस्यों अवतार सिंह, जतिंदर सिंह ने वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा को इस बारे में पत्र लिखकर अवगत करा दिया है। पत्र के अनुसार वर्दी खरीद में सरकारी नियमों के उल्लंघन का पूरा विवरण दे दिया गया है। टीचर यूनियन ने मामले की जांच विजिलेंस को देने की मांग की है।
केस-2 गांव रामूवालिया में प्राइवेट में पढ़ने वाले बच्चों के नाम पर खरीद
अमृतसर के अटारी क्षेत्र के गांव रामूवालिया के सरकारी स्कूल में ऐसे कई बच्चों के नाम पर वर्दी खरीदी गई जो किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं। स्कूल रजिस्टर में भी उनके नाम दर्ज कर लिए गए और वर्दी भी खरीद ली गई।
स्कूल के रजिस्टर पर 45 बच्चों के नाम दर्ज हैं लेकिन पढ़ते सिर्फ 15 हैं बाकी के 22 बच्चे पास के प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं। वहीं, सरकार ने अमृतसर के 3 बीपीईओ काे सस्पेंड भी कर दिया है। इनमें वेरका ब्लाॅक के यशपाल सिंह, अमृतसर-4 के रविंदरजीत काैर और चाैगांवा-1 के बीपीईओ दलजीत सिंह शामिल हैं।
कार्रवाई की जा रही है, किसी को बख्शेंगे नहीं
बच्चों की वर्दी को लेकर गड़बड़ियों की जो भी शिकायत आ रही है, उसकी प्रमुखता से जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट मांगी गई है। तरनतारन की जिला शिक्षा अधिकारी दलजिंदर कौर को अनियमितताओं के चलते सस्पेंड भी किया जा चुका है। दोषियों को किसी भी प्रकार की कोई छूट नहीं दी जाएगी।’
– हरजोत बैंस, शिक्षा मंत्री (पंजाब)