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ऑड-इवेन फॉर्मूले से खुलेंगे स्कूल

ऑड-इवेन फॉर्मूले से खुलेंगे स्कूल

 

– बढ़ते प्रदूषण के चलते दफ्तरों में भी WFH की सिफारिश

शिक्षा फोकस, दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल रोजाना ऐसे खराब हालात में बच्चों को स्कूल और ऑफिस वालों को अप एंड डाउन करना पड़ रहा है।

ऐसे में दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए स्कूलों में फिजिकल क्लासेस के लिए स्कूलों को बंद करने और बच्चों के स्वास्थय और सुरक्षा के लिए ऑनलाइन माध्यम से कक्षाएं आयोजित करने की मांग की है।

वहीं दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली वालों से व्हीकल से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए साझा परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील की है।

हर दूसरा बच्चा प्रदूषण से है परेशान

बता दें, दिल्ली बीजेपी के प्रमुख आदेश गुप्ता ने दिल्ली के उपराज्यपाल को इस बाबत एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने कक्षाओं को ऑनलाइन संचालित करने की मांग करते हुए बताया कि दिल्ली में हर सातवां व्यस्क और हर दूसरा बच्चा प्रदूषण से परेशान है।

इसके अलावा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आप शासित पंजाब में लोगों से बात करनी चाहिए, ताकि लोगों को पराली जलाने से रोका जा सके और दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।

अगर ऑड-इवेन फॉर्मूला लागू होता है तो आधे-आधे छात्रों को फिजिकल क्लासेस के लिए बुलाया जाएगा। यानी आधे छात्रों को तीन दिन घर में रहना होगा और आधे छात्रों को स्कूल जाना होगा।

दिल्ली में AQI severe श्रेणी की खराब हालत के मद्देनजर एयर क्वालिटी कमीशन ने कई आदेश दिए हैं, जो इस प्रकार हैं

– राजधानी में जरूरी सामानों के अलावा अन्य डीजल ट्रकों की एंट्री पर रोक, सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रक चल सकेंगे।
– राजधानी के अंदर भी मीडियम और बड़ी गाड़ियां नहीं चल सकेंगी, सिर्फ जरूरी सामानों से जुड़ी गाड़ियों को छूट रहेगी।
– शहरों में बीएस-4 की डीजल गाड़ियों पर रोक।
– जो इंडस्ट्री क्लीन फ्यूल पर नहीं चल रही हैं उन पर रोक।
– पेट से जुड़ी हर समस्या जैसे कब्ज़, खट्टी डकार, एसिडिटी, आदि का शति तो पूरे पैसे वापस।
– इमरजेंसी इंडस्ट्री जैसे दूध डेयरी, दवाइयों व मेडिकल सामानों को छूट।
– हाइवे, सड़कों, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन और पाइपलाइन जैसे बड़े प्रोजक्ट के निर्माण पर भी रोक।
– सरकारी और प्राइवेट ऑफिस में 50 प्रतिशत स्टाफ वर्क फ्रॉम होम रहेंगे (राज्य सरकार पर निर्भर)।

NCPCR ने की थी स्कूल बंद करने की मांग

इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल बंद करने की मांग की थी। एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को लेकर लिखकर एयर क्वालिटी इंप्रूव होने तक स्कूल बंद करने की मांग की थी।

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