चिंताजनक: यूके कर रहा है स्पाउस वीजा पर पाबंदी की तैयारी
यूके कर रहा है स्पाउस वीजा पर पाबंदी की तैयारी
शिक्षा फोकस, जालंधर। यूके की आंतरिक मंत्री सुवेला ब्रेवरमैन ने यह कहकर भारतीय खासकर पंजाबी मूल के छात्रों में हड़कंप मचा दिया है कि स्पाउस वीजा पर प्रतिबंध लग सकता है क्योंकि काफी निचले स्तर के ऐसे लोग यूके आ रहे हैं, जिनके पास प्रतिभा नहीं है। इतना ही नहीं, उनके पास कोई तकनीकी शिक्षा नहीं है, जिससे यूके में फायदा हो सके। यूके के हालात ऐसे हो चुके हैं कि यूके इम्मीग्रेशन को उनके देश आने वाले स्टूडेंट्स की बढ़ती गितनी को देख अलग से काऊंटर शुरू करना पड़ा है। जहां सिर्फ स्टूडेंट्स की इम्मीग्रेशन ही होती है।
यूके सरकार ने जनवरी 2021 में कम से कम 25 हजार 600 पाउंड प्रतिवर्ष आय निर्धारित कर दी थी लेकिन भारतीय खासकर पंजाब से ऐसे लोग यूके पहुंच गए, जो खेतीबाड़ी के अलावा हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री में कम पगार पर काम कर रहे हैं। इससे वहां पर सिस्टम गड़बड़ा गया है और यूके में राइट टू वर्क पर असर पड़ने लगा है।
खेतीबाड़ी से लेकर इंडस्ट्री में कम पगार पर भारतीय खासकर पंजाबी मूल के लोग काम करने लगे हैं। यूके की मंत्री का कहना है कि यूके में पिछले एक साल में एक लाख में 2 लाख 39 हजार लोग आए हैं, जिसका असर काफी खतरनाक ढंग से हुआ है, इससे यूके में सिटीजन पर प्रभाव पड़ने लगा है।
यूके में जो अवैध, अब सीधा होगा डिपोर्ट
यूके की मंत्री का कहना है कि यूके में अब अवैध रूप से रहना आसान नहीं होगा। पहले तो यह कहकर बच जाते थे कि उनको बंधुआ मजदूर बनाकर रखा गया है और काम करवाया जा रहा है लेकिन अब कोई किंतु परंतु नहीं होगा।
यूके में एक साल में 122 फीसदी अधिक पहुंचे पंजाब से लोग
यूके में 2020 में 48 हजार 639 भारतीय छात्र पहुंचे थे, जिसमें 80 फीसदी पंजाबी मूल के थे जबकि 2021 में 55 हजार 903 व 2022 मार्च तक एक लाख 7 हजार 978 लोग यूके में पहुंचे, जिसमें 80 फीसदी पंजाबी थे।
दरअसल, यूके ने पंजाबी मूल के छात्रों के लिए जबरदस्त ढंग से दरवाजे खोले थे, जिसके मुताबिक यूके में स्टडी के लिए जाने वाले छात्र का स्पाउस वीजा भी दिया जाता था। छात्र स्टडी करेगा और स्पाउस काम कर सकता है। स्टडी के बाद छात्र को दो साल का वर्क वीजा मिलता था और साथ ही उसके स्पाउस को भी।
एजेंटों ने खेला करोड़ों का खेल, जाली दस्तावेजों से पहुंचाए यूके
यूके के लिए पंजाब के एजेंटों ने जबरदस्त खेल खेला और फर्जी दस्तावेजों के सहारे करोड़ों रुपये के वारे न्यारे किए। ऐसे विद्यार्थी यूके की धरती पर पहुंच गए, जिनको अंग्रेजी का ज्ञान तक नहीं था। इसके लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया। दरअसल, यूके दूतावास एक दिन में भी वीजा दे देता बशर्ते कि उसकी एक लाख रुपये फीस अदा की जाए।
कई एजेंटों ने एक लाख रुपये फीस अदा कर 24 घंटे में वीजा लिया, इस दौरान दूतावास को दस्तावेज को क्रॉस चेक करने का वक्त नहीं मिला लेकिन जब ऐसे छात्र व उनके स्पाउस यूके की धरती पर पहुंचे तो वहां पर सिस्टम गड़बड़ा गया और मंत्री को कहना पड़ा कि लो स्किल लोग यूके में आ गए हैं। आगामी सेमेस्टर की स्टडी के लिए भारी संख्या में स्टूडेंट्स ने वीजा के लिए फाइल तैयार कर रखी है लेकिन मंत्री के बयान से हड़कंप मच गया है।